Home Chhattisgarh हीट वेव से रखे सावधानी,अधिक मात्रा में पियें पानी

हीट वेव से रखे सावधानी,अधिक मात्रा में पियें पानी

71
0

राजनांदगांव : हीट वेव जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है। जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फॉरेन्हाइट से ज्यादा हो तो हीट वेव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसका असर बच्चों, बुुजुर्गों एवं कोमार्बिड लोगों में सर्वाधिक होता है। हमारे शरीर के टेम्परेचर रेग्यूलेशन (तापमान नियंत्रण) मस्तिष्क के हाईपोथलेमस भाग से होता है। जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फॉरेन्हाइट से अधिक हो जाता है। तब टेम्परेचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता है। परिणाम स्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है।लक्षण – सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना ।लू से बचाव के उपाय- स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू से बचाव के लिए उपाय दिया गया है।

बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जाए, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीयें, मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी, छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए, जिससे कि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीये। चक्कर आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लिया जाए एवं उल्टी, सर दर्द, बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लिया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here