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कांग्रेस का मानना इलेक्टोरल बांड में भाजपा चार तरीके से वसूली किया,इलेक्टोरल बांड में मोदी सरकार ने देश को धोखा दिया

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रायपुर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इलेक्टोरल बांड घोटाले में भाजपा ने चार तरीके से घोटाला किया है।

1. चंदा दो, धंधा लो यानी प्रीपेड रिश्वत

2. ठेका लो, रिश्वत दो यानी पोस्टपेड रिश्वत

3. हफ़्ता वसूली यानी छापेमारी के बाद रिश्वत

4. फ़र्ज़ी कंपनियां यानी शेल कंपनियांसुप्रीम कोर्ट की वजह से इलेक्टोरल बांड का डेटा सामने आने से इन सारे घोटाले जनता के सामने आ गये है। 

बैज ने कहा कि चंदा दो, धंधा लो (प्रीपेड रिश्वत) और ठेका लो, रिश्वत दो (पोस्टपेड रिश्वत)ः के तहत 38 ऐसे कॉर्पोरेट समूहों ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से चंदा दिया है, जिन्हें केंद्र या भाजपा की राज्य सरकारों से 179 प्रमुख ठेको और प्रोजेक्ट क्लीयरेंस मिले हैं। बीजेपी को इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 2,004 करोड़ रुपए का चंदा देने के बदले इन कंपनियों को कुल मिलाकर 3.8 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट्स और प्रोजेक्ट्स मिले हैं। चंदा दो, धंधा लो (प्रीपेड रिश्वत)ः बीजेपी को कुल मिलाकर 551 करोड़ रुपए का चंदा मिला और 3 महीने के भीतर 1.32 लाख करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट/प्रोजेक्ट्स की स्वीकृति केंद्र या भाजपा की राज्य सरकारों द्वारा दिए गए हैं। ठेका लो, रिश्वत दो (पोस्टपेड रिश्वत)ः पहले केंद्र या भाजपा की राज्य सरकारों द्वारा 62,000 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट/प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए और 3 महीने के भीतर उसके बदले 580 करोड़ रुपए की पोस्टपेड रिश्वत (इलेक्टोरल बांड के रूप में) भाजपा को दी गई।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि हफ़्ता वसूली में 41 कॉर्पोरेट समूहों को कुल 56 ईडी/सीबीआई/आईटी छापों का सामना करना पड़ा। इन सभी ने 2,592 करोड़ रुपए बीजेपी को दिए हैं। इनमें से 1,853 करोड़ रुपए छापेमारी के बाद दिए गए हैं।

बैज ने कहा कि फ़र्ज़ी (शेल) कंपनी फ़र्ज़ी कंपनियों द्वारा दिए गए कुल 543 करोड़ में से 16 शेल कंपनियों ने बीजेपी को 419 करोड़ का चंदा दिया। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग के लिए वित्त मंत्रालय की उच्च जोखिम वाली निगरानी सूची में शामिल कंपनियां, अपने गठन के कुछ महीनों के भीतर करोड़ों का दान देने वाली कंपनियां और अपने पेड-अप कैपिटल के कई गुना दान करने वाली कंपनियां शामिल थीं।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बांड मामले में केन्द्र सरकार की विश्वसनीयता को दांव पर लगा दिया। केन्द्रीय एजेंसियों को वसूली एजेंट बनाकर रख दिया। मोदी सरकार का यह कदम देश के लोकतंत्र के लिये घातक । इस घोटाले के लिये भाजपा का एकाउंट सीज किया जाये तथा उसकी मान्यता रद्द हो।

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