रायपुर ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित लखनलाल मिश्र के गाँव पहुँचे पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती. महाराज तीन दिवसीय संगोष्ठी में शामिल होने पहुँचे. शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने की प्रेसकान्फ्रेंस धर्म के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता को लेकर पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने दिया बयान- दर्शन,विज्ञान और व्यवहार तीनों दृष्टि से विचार करे तो सनातन सिद्धांत ही सर्वोत्तम है. आधुनिक युग में भी सनातन जीवन शैली सबसे उत्कृष्ट है. वैदिक सिद्धांत का पूरा देश अनुयायी होगा जो लगातार हो रहा है।
बंगाल के संदेशखाली मामले को लेकर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज का बयान- आपराधिक तत्व को कोई सरंक्षण दे वो अनुचित है उसका समर्थन नहीं किया जा सकता मातृ शक्ति सुरक्षित रहे यह हम सबका दायित्व है सनातन के विरुद्ध भाव पैदा करने का यह विस्फोटक परिणाम है
बीजेपी सरकार द्वारा लाए जाने वाले धर्मान्तरण कानून को लेकर शंकराचार्य ने कहा- राजनेता गरीबी पालते है,क्रिश्चियन तंत्र को लाभ उठाने देते है यदि हिंदू परिवार दान करे समय दे तो धर्मांतरण नहीं हो सकता और धर्म परिवर्तन करने वालों की दाल नहीं गलेगीहिंदू केवल पेट और परिवार तक सीमित ना रहे मंदिर मठो को केंद्र बनाकर शिक्षा,रक्षा,अर्थ का कार्य करे अपने क्षेत्र को बचाने के लिए योजना बनाए इससे धर्मांतरण नहीं होगा
हिंदू राष्ट्र कब तक बनेगा वाले सवाल पर शंकराचार्य ने कहा- हम लड़ाने भिड़ाने की बात नहीं करते पर सबके पूर्वक सनातनी वैदिक हिंदू थे यह ऐतिहासिक तथ्य है पैग़म्बर मोहम्मद,ईसा मसीह के पूर्वज भी हिंदू थे सनातन सिद्धांत को मानने पर ही व्यक्ति का उत्थान हो सकता है जहां वर्ण व्यवस्था नहीं है उस देश में लाचारी है एटम,रॉकेट और कंप्यूटर,मोबाइल की सरंचना भी सनातन सिद्धांत के द्वारा हुई है हिंदू राष्ट्र की एवज़ गोवर्धन मठ से ही बुलंद हुई
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कुछ लोगो द्वारा विरोध किए जाने पर शंकराचार्य ने कहा- मैं एक संकेतकर्ता हूँराम यथास्थान प्रतिष्ठित हुए अच्छी बात है 500 वर्षों की समस्या का समाधान हुआ धार्मिक एयर आध्यात्मिक क्षेत्र के जो नियम है उनका पालन कराना शासन तंत्र दायित्व है महत्वाकांक्षी होकर धार्मिक जगत में हस्तक्षेप करना उचित नही है
इंडिया गठबंधन को केंद्र सरकार तोड़ने में लगी है वाले सवाल पर शंकराचार्य निश्चलानंद सत्ता लोलुप्ता और दूरदर्शिता के चपेट से राजनीतिक दल का मुक्त होना कठिन है चुनाव की प्रक्रिया के यह सब होता कांग्रेस भी केंद्र के होती तो वो भी ऐसा ही करती आज का लोकतंत्र उन्मादतंत्र है।