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साय सरकार में छत्तीसगढ़ फिर बना संघियों का चारागाह,बेरोजगारी भत्ता, किसान न्याय योजना बंद कर भाजपा प्रचारकों को मिसाबंदी पेंशन के नाम पर ख़ज़ाने में चपत लगाने का षडयंत्र

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रायपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दलीय चाटुकारिता, व्यक्तिगत स्वार्थ और भाजपा के प्रचारकों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के खजाने पर चोट पहुंचाने मिसाबंदी पेंशन लागू किया गया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद एक बार फिर छत्तीसगढ़ संघियो और भाजपाइयों का चारागाह बन गया है। इतिहास गवाह है कि आजादी की लड़ाई से लेकर देश के नवनिर्माण में संघियों की भूमिका नकारात्मक ही रही है। आज़ादी की लड़ाई के दौरान इनके पूर्वज अंग्रेजों के चाटुकार और अंग्रेज़ी हुकूमत के पेंशनभोगी हुआ करते थे। भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर आजाद हिंद फौज तक का विरोध तत्कालीन संघियों ने किया था। वर्तमान में भी मणिपुर, गोवा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और हाल ही में हिमांचल में लोकतंत्र का गला घोटने का कुत्सित प्रयास करने वाले भाजपाइयों द्वारा लोकतंत्र सेनानी होने का दावा करना हास्यास्पद है। लोकतंत्र सेनानी का दावा करने वाले संघी मणिपुर और डोकलाम मामले में चुप क्यों हैं?

सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिस तरह से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय 2003 से 2018 तक छत्तीसगढ़ के संसाधन, छत्तीसगढ़ के विभाग, छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक उपक्रम और मंडल आयोग भाजपाइयों और संघियों का चरागाह बनाकर रखा गया था, उसी तर्ज़ पर अब फिर से विष्णुदेव साय सरकार अपनी विचारधारा के अपनी पार्टी के प्रचारकों को उपकृत करने के लिए छत्तीसगढ़ के खजाने पर आर्थिक चपत लगाने षडयंत्र रचा है। विगत डेढ़ माह के भीतर साय सरकार के द्वारा लिया गया 13 हजार करोड़ का कर्ज इसी तरह से संघीय भाजपाईयों के भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची का भेट चढ़ रहा है।

वर्मा ने कहा है कि भाजपा की विष्णुदेव सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा किए गए बजट प्रावधान की राशी का भी दुरूपयोग कर रही है, पहले के बजट प्रावधान का किसान न्याय योजना की चौथी किस्त की राशि का भुगतान नहीं किया, भूमिहीन कृषि मजदूरों का भुगतान रोक दिया गया, बेरोजगार युवाओं का बेरोजगारी भत्ता नवंबर माह से बंद है लेकिन मिसाबंदी पेंशन योजना आरंभ कर दिए? पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में गौ सेवा के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने 10 हज़ार से ज्यादा गोठान संचालित था, गोठानों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की 27 लाख से अधिक महिलाएं समूह के माध्यम से अपनी आजीविका कमा रही थी, ऐसे कल्याणकारी योजनाओं को बंद करके केवल आरएसएस और भाजपा के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का षडयंत्र भाजपा की साय सरकार ने रचा है। छत्तीसगढ़ के किसान, मजदूर, युवा और महिलाओं के हक और अधिकारों पर डकैती डालकर प्रदेश के खजाने का पैसा संघी भाजपाईयों पर लूटा रहे हैं।

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