अरविंद सिंह पवैया
ग्वालियर चंबल की माटी हमेशा ही वीरों की जननी रही है और इसी का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है चंबल धरा के वीर सीआरपीएफ़ कमांडो किशुनपाल सिंह जादोन नेजी हाँ हम बात कर रहे हैं ग्राम बड़ौना ज़िला मुरैना निवासी किशुनपाल जादोन की जो वर्तमान में दिल्ली स्थित सीआरपीएफ़ की 55 वीं बटालियन की एंटी टेररिस्ट विंग के सदस्य हैं और आज जिनको कश्मीर में आतंकवादियों के ख़िलाफ़ दिखाए शौर्य, बहादुरी व असाधारण वीरता के लिए वसंत बिहार दिल्ली स्थित सीआरपीएफ़ के शौर्य इंस्टीट्यूट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा राष्ट्रपति वीरता वीरता पुलिस पदक से ग्वालियर के सीआरपीएफ़ कमांडो किशुनपाल सिंह जादोन को किया सम्मानिपुलिस पदक से सम्मानित किया गया किशुनपाल 2017 से 2021 तक कश्मीर में सीआरपीएफ़ की वैली क्यूएटी का हिस्सा रहे इस दौरान इन्होंने आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कई ऑपरेशन में हिस्सा लिया कश्मीर में तैनाती के दौरान इन्होंने कुल 17 बड़े ऑपरेशन का हिस्सा रहते हुए 37 आतंकवादियों से लोहा लिया व उन्हें मार गिराने में अहम भूमिका निभाई 02/07/2020 को कश्मीर के मालबाग इलाक़े में हूई भीषण मुठभेड़ के दौरान एक बड़े ऑपरेशन में इन्होंने हिज़बुल मुजाहिद्दीन ग्रुप के 1 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिरायाइस पराक्रमी शौर्य के लिए सरकार की तरफ़ से 15/07/2022 को इन्हें राष्ट्रपति की वीरता पदक के लिए नामित किया गयाकिशुनपाल का परिवार वर्तमान में ग्वालियर में निवासरत हैउन्होंने बताया कि वो अपने देश और समाज की रक्षा में अपने प्राणो की परवाह न करते हुए ईसी तरह देशसेवा करते रहेंगेउन्होंने कहा कि यह बहादुर वीरता पदक अपने स्वर्गीय पिताजी को समर्पित करता हूँ किशुनपाल चंबल क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं