तिल्दा नेवरा:मंदिर और घरों में भगवान गणेश की विधिवत पूजन कर महाआरती की गई। इस बीच मंत्रोच्चार और घंट-घड़ियाल गूंज रहे थे। भगवान गणेश से सभी के लिए मंगलकामना की गई। प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना के साथ गुरुवार को घरों और मंदिरों में हवन हुआ। अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह घरों और पंडालों में विधि-विधान से ज्ञानोदय के भक्तों ने भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और हवन कर 10 दिनों के पूजन की पूर्णाहुति दी।
दोपहर बाद से प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रतिमाएं तालाब पहुंचीं जहां आरती कर विसर्जित की गईं। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी एवं विसर्जन एक ही दिन। मंदिरों और घर-घर देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ गणपति अपने गांव चले जैसे ुमधुर गीतों की गूंज सुबह से लेकर देर रात्रि तक वातावरण में घुली रही।घरों में विराजमान श्री गणेश की पूजा विधि-विधान से की गई।
वहीं ग्रामीण क्षेत्र के ताल तलैयों में श्रद्धालुओं ने विधिविधान से विसर्जन किया। हिरमी रावन मोहरा सकलोर भटभेरा कुथरौद तिल्दाबांधा नेवारी फ़ुलवारी सुहेला सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से इस बार मिट्टी के गणेश जी की मूर्तियां घर-घर विराजित की गई थी। लोगों ने घरों में ही बड़े बर्तनों में प्रतिमाएं विसर्जित किया।