तिल्दा नेवरा: हरितालिका तीज के पावन अवसर पर ग्राम ताराशिव में तिजहारीनो ने पंडित रामचंद्र तिवारी के सानिध्य में बजरंग चौक पर पूजा अर्चना किया। इस अवसर पर ग्राम की सभी घरों से तिजहारीन शामिल हुए ।उल्लेखनीय है कि तीजा पर्व पर महिलाए अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए कठोर व्रत धारण करती है ।जिसमे निर्जला व्रत होता है हरतालिका तीज पर सुहाग की लंबी उम्र की कामना की जाती है। व्रत में कुंवारी कन्याएं या सुहागिन महिलाएं जो व्रती हैं ,व्रत पर लाल वस्त्र पहनकर, मेहंदी लगाकर सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती है।
इस व्रत में व्रती को शयन नहीं करना चाहिए तथा रात्रि में भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना पड़ता है। और प्रातः काल स्नान के बाद श्रद्धा और भक्ति पूर्वक यथाशक्ति दान किया जाता है ।पंडित रामचंद्र तिवारी ने बताया कि हरतालिका दो शब्दों से बना है हरित और तालिका हरित का अर्थ होता है हरण करना और तालिका अर्थात सखी ।इस व्रत को हरितालिका इसलिए कहा जाता है क्योंकि पार्वती की साखियां उन्हें पिता के घर से हरण कर जंगल में ले गए थे।