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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा स्थगित! क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के 9 सवालों से घबरा गए अमित शाह?….पढिए पूरी खबर

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रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बस्तर द्वारा स्थगित अपरिहार कारणों से दौरा हुआ स्थगित।बीजेपी के परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने वाले थे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।दंतेवाड़ा से बीजेपी शुरू करने वाली थी परिवर्तन यात्रा।अब स्मृति ईरानी दंतेवाड़ा में परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ करेंगी।दूसरी ओर कल प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर 9 सावल दागे जिसका जवाब भी मांगा।

कांग्रेस ने बस्तर की जनता की तरफ से अमित शाह से पूछा 9 सवाल

अमित शाह एक बार फिर से बस्तर आ रहे है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बस्तर की जनता उनसे जानना चाहती है कि 15 सालों तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के दौरान बस्तर के आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को बंधक बनाकर रखा गया था। 15 सालों तक बस्तर में शोषण का दौर चल रहा था। हम बस्तरवासी अपने ही जल, जंगल, जमीन पर अधिकार से वंचित कर दिये गये थे। जब बस्तर के साथ अत्याचार हो रहा था तब भाजपा नेतृत्व क्यों मौन था? छत्तीसगढ़ वासियों तथा बस्तर वासियों की तरफ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से 9 सवाल पूछते हुये जवाब मांगा है। अमित शाह जवाब दे :-

1. आरक्षण विधयेक कब तक लंबित होगा?छत्तीसगढ़ की जनता के हित में भूपेश सरकार ने विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करवा कर राजभवन भेजा है, इस विधेयक में सर्व समाज के लिये आरक्षण का प्रावधान है जिसमें आदिवासी समाज के लिये भी 32 प्रतिशत ओबीसी के लिय,े 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिये, 13 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग के गरीबो के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। अमित जवाब दे आदिवासियों का 32 प्रतिशत आरक्षण कब तक राजभवन में लंबित रहेगा? संवैधानिक रूप से राजभवन केन्द्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। अमित शाह गृहमंत्री है। अमित शाह बताये आरक्षण संशोधन विधेयक पर कब तक हस्ताक्षर होगा? आदिवासी समाज को उसकी आबादी के अनुपात में उसका हक मिलने आप और भाजपा क्यों बाधा बनी हुई है?

2. नगरनार प्लांट क्यों बेच रहे?बस्तर का नगरनार स्टील प्लांट जो कि बस्तर वासियों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है जिसे केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्र को फायदा पहुंचाने विनिवेश करना चाहती है जिसकी प्रक्रिया में आरंभ हो चुकी है। बस्तर विशेषकर लोगो की भावना से जुड़ा नगरनार संयत्र बेचने की कार्यवाही कब बंद होगी?

3. नंदराज पहाड़ की लीज केन्द्र रद्द क्यों नहीं कर रहा?नंदराज पहाड़ से ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है वे उस पहाड़ को देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। बैलाडीला नन्दराज पहाड़ लौह अयस्क के दोहन हेतु रमन सरकार ने 2016-17 में अडानी को लीज पर दिया था। जिसके विरोध में क्षेत्र के ग्रामीणों ने लंबा संघर्ष किया। भूपेश बघेल सरकार बनते ही राज्य सरकार अडानी को दी गयी लीज खारिज कर दिया परंतु आज दिनांक तक केन्द्र ने इसके लिए किसी प्रकार की नोटिफिकेशन जारी नही किया। अमित शाह बताये अडानी का हित बड़ा है या आदिवासियों की आस्था?

4. एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नहीं आ रहा?एनएमडीसी भारत की वह नवरत्न कंपनी है जो लौह अयस्क तो बस्तर से निकालती है और उसे दुनिया भर में भेजती है परंतु अपना मुख्य कार्यालय बस्तर की बजाए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बनाए बैठी है, पूर्व में बस्तर में यातायात के अभाव से यह निर्णय ठीक लगता था परंतु वर्तमान में बस्तर भी अब सर्वसुविधायुक्त बन चुका है एन एम डी सी को अपना मुख्यालय अब बस्तर में बनाना चाहिए ताकि बस्तर के बेरोजगार युवाओं के लिए एन एम डी सी में रोजगार का द्वार खुल सके। अमित शाह जी बताये एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नही आ रहा?  

5. दल्लीराजहरा जगदलपुर रेल लाइन क्यों शुरू नहीं हो रही?सन् 2017-18 में दल्लीराजहरा रेलमार्ग के निर्माण का उद्घाटन स्वयं देश के प्रधानमंत्री ने भानुप्रतापपुर से किया था और मंच से आश्वस्त किया था कि 2021 में यह बनकर तैयार हो जाएगा और इस रेलमार्ग में यात्री ट्रेनें सरपट दौड़ेगी परंतु आज दिनांक तक यह रेल लाइन का कार्य खत्म नहीं हुआ है जो कि बस्तर की जनता के साथ छलावा है। अमित शाह बताये यह कब पूरा होगी?

6. भारतमाला परियोजना रोड को जगदलपुर से क्यों नही जोड़ा जा रहा?भारत माला ओडीशा के नवरंगपुर से होकर जा रही है नगरनार से भारत माला की दूरी 32 किमी के आसपास है केन्द्र सरकार जगदलपुर से भारत माला तक जोड़ने पहल करे या एन एम डी सी नगरनार से भारत माला तक सड़क निर्माण कराये।

7. मोदी सरकार ने 2006 के वन अधिकार अधिनियम में संशोधन क्यों किया?जल, जंगल, जमीन के अधिकारों से स्थानीय आदिवासियों को वंचित करने और खनन माफिया अपने नीति पूंजीपति मित्रों को अनुचित लाभ पहुंचाने 2006 के वन अधिकार अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों को मोदी सरकार ने शिथिल कर दिया है क्या केंद्रीय गृह मंत्री आदिवासियों से माफी मांगेंगे?

8. झीरम की फाइल एनआईए राज्य की एसआईटी को क्यों वापस नहीं कर रही?भाजपा के शासनकाल में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला हुआ था। जिसमें कांग्रेस की प्रथम पंक्ति के नेताओं सहित 31 लोगो की हत्या हुई थी। इस मामले के हत्यारे अभी तक नहीं पकड़े गये है। एनआईए भी झीरम नरसंहार की जांच के किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। कांग्रेस की सरकार झीरम के गुनहगारों को पता लगाने एसआईटी का गठन कर चुकी है। एनआईए राज्य द्वारा गठित एसआईटी को झीरम की फाइल क्यों वापस नही कर रही है? आखिर केन्द्र क्यों नहीं चाहता राज्य की एसआईटी झीरम नरसंहार की जांच करे।

9. बस्तर की जनता से अमित शाह माफी मांगे

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