वेतन वृद्धि का लाभ चार साल बाद वो भी चंद कर्मचारियों को मिलेगा
रायपुर _ 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को संविदा कर्मचारियों ने कहा कि यह तो प्रक्रिया में जो मिलता है वहीं है अपितु सरकार ने चार साल तक इसे रोके रखा। यह हमें 2021 में मिलना था। अन्न _ जल को छोड़े हुए 3 संविदा कर्मचारी विगत 24 घंटे से भी अधिक समय से अनशन में बैठे है। वे सरकार के वादे अनुरूप नियमितिकरण के संबंध में संवाद स्थापित करने अपील कर रहे हैं, किंतु अभी तक सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक पहल नहीं की गई है।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है , जबकि वास्तव में 48 प्रतिशत होना था। इस घोषणा के लाभ से बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी वंचित रहेंगे। गौरतलब है कि यह वेतन वृद्धि भी वर्ष 2021 में होनी थी जोकि अब जाकर हुई है। तात्पर्य यह है कि संविदा कर्मचारियों को अभी तक किसी भी प्रकार का कोई लाभ प्रदान -) नहीं किया गया है।प्रदेश के संविदा कर्मचारी दिनांक 03 जुलाई, 2023 से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर हैं। “वर्ष 2018 के जनघोषणा पत्र में सरकार के द्वारा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व छंटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था, “ जोकि आज पर्यन्त तक पूरा नहीं किया गया है।प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को स्थायीकरण, (नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक ), वरिष्ठता का लाभ वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति, पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकम्पा नियुक्ति एवं बुढ़ापे का साहारा पेंशन, अवकाश जैसे आदि अनिवार्य रूप से प्रदत्त मूल सुविधाएँ आज पर्यन्त तक नही मिल पा रही है।
ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वेतन वृद्धि की घोषणा से यह प्रतीत होता है कि आंदोलन में सम्मिलित संविदा कर्मचारियों के साथ शासन द्वारा कोई संवाद स्थापित नहीं किया गया। जिस कारण मांगे कुछ और हैं व घोषणा कुछ और की जा रही है।छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ शासन से यह अपील करता है कि वह आंदोलनरत् संविदा कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर वास्तविक मांगों का वास्तविक समाधान करने का प्रयास करे, जिससे छत्तीसगढ़ शासन का जनघोषणा पत्र में किया गया वादा पूरा होता दिखाई पड़े।03 जुलाई 2023 से शुरू हुआ आंदोलन जारी रहेगा।