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छत्तीसगढ़ बीजेपी का कहना मरकाम और टेकाम को बिना छर्रे का झुनझुना थमाया ताकि आवाज न कर सके… पढिए पूरी डिटेल

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अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा : मंत्रियों की अल्टी-पल्टी फिजूल की सियासी कवायद।

डरी-सहमी और अगले चुनाव में तयशुदा हार देख रही भूपेश सरकार असंतोष, नाराजगी और विरोध को दबाने-कुचलने के हर मुमकिन पैंतरे आजमा रही।

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज प्रदेश सरकार की आदिवासी विरोधी गतिविधियों को गौर से देख रहा है और आने वाले समय में आदिवासी समाज प्रदेश की कांग्रेस सरकार को करारा सबक सिखाएगा। मरकाम ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों की अल्टी-पल्टी को फिजूल की सियासी कवायद बताते हुए कहा कि कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार अपने शासनकाल के आखिरी 100 दिनों में फड़फड़ा रही है।भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अब आदिवासी नेताओं को झुनझुना थमाने का सिलसिला धड़ल्ले से शुरू किया है।

झुनझुना भी ऐसा कि, जिसके छर्रे निकाल दिए गए हैं ताकि वह आवाज न कर सके, बज न सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मोहन मरकाम और मंत्रिमंडल से प्रेमसाय सिंह टेकाम को हटाये जाने पर निशाना साधते हुए श्री मरकाम ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मरकाम को बेहद अपमानजनक ढंग से हटाया गया और इससे उपजे असंतोष को थामने के लिए मंत्री बनाया गया। मरकाम को मंत्री तो बनाया गया लेकिन उन्हें उनका पसंदीदा स्कूल शिक्षा विभाग नहीं दिया गया। प्रदेश में चहुँओर हर विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर मुखर मरकाम को कदम-कदम पर पहले भी अपमानित किया जाता रहा और अब भी अपमान के कड़वे घूँट पीने के लिए उन्हें विवश किया जा रहा है।भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम से इस्तीफा लिए जाने के तौर-तरीकों को अपमानजनक बताते हुए कहा कि उनसे जिस तरह इस्तीफा दिलवाया गया, उससे खुद टेकाम मर्माहत हैं और उनकी प्रतिक्रिया में यह पीड़ा व्यक्त हुई कि ‘इस्तीफा नहीं दिया जाता, ले लिया गया है।’ श्री मरकाम ने कहा कि उन्हें बाद में मंत्री पद का दर्जा देने की बात कहकर और फिर राज्य योजना आयोग का अध्यक्ष बनाकर डैमेज कंट्रोल की नाकाम कोशिश प्रदेश सरकार ने की है। इस्तीफे के बाद पहली प्रतिक्रिया में व्यक्त पीड़ा आगे चलकर टेकाम के बगावती तेवर और स्वर में न बदल जाए, इस डर के मारे प्रदेश सरकार ने साथ-ही-साथ स्कूल शिक्षा विभाग में टेकाम के कार्यकाल के दौरान हुए स्थानांतरण के मामलों की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश भी जारी कर दिया!भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने कहा कि अपनी कारगुजारियों से डरी-सहमी और अगले विधानसभा चुनाव में अपनी तयशुदा हार देख रही भूपेश सरकार असंतोष, नाराजगी और विरोध को दबाने-कुचलने के हर मुमकिन पैंतरे आजमाने लगी है। कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार को आदिवासियों की प्रति अपनी इस दुर्भावना की बड़ी कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।

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