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सराहनीय कदम : छत्तीसगढ़ देसहा गड़रिया पाल समाज ने मृत्यु भोज में कलेवा पर लगाया प्रतिबंध…. पढ़िए पूरी ख़बर

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रायपुर: छत्तीसगढ़ देसहा गड़रिया पाल समाज ने मृत्यु भोज में परोसे जाने वाली कलेवा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। परंपरा निभाने अब मात्र बड़ा ही परोसी जाएगी।

साथ ही समाज ने यह भी निर्णय पारित किया कि, किसी की मृत्यु होने पर केवल घर वाले ही पीतांबरी ओढ़ाएगा। अन्य लोग केवल पुष्प अर्पित करेगा और स्वेच्छानुसार दान देकर श्रद्धांजलि देगा।

उक्त निर्णय को सर्वसम्मति से पारित कर समाज में इसका पालन अनिवार्य कर दिया गया है। उल्लंघन पर समाज कार्रवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि, समाज का इस वर्ष का प्रथम त्रैमासिक कार्यकारिणी बैठक रविवार को रायपुर के रायपुरा महादेवघाट स्थित पाल सामाजिक भवन में रखा गया था। बैठक में सभी 23 पारों के मेम्बरों व सदस्यों की उपस्थिति में समाज ने मृत्यु भोज में केवल बड़ा ही परोसने का फैसला लिया है।वहीं अन्य कलेवा खीर, पुड़ी, लड्डू आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है।

साथ ही मृत्यु होने पर पीताबंरी वस्त्र ओढ़ाने की परंपरा केवल घर वाले ही निभाएंगे

बाकी अन्य सभी लोग उसके बदले उचित का दान देकर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। उक्त निर्णय का सभी ने समवेत स्वर में स्वागत किया व इसे अन्य समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत बताया। बैठक में सभी पार प्रमुखों ने अपने पार के सदस्यों की पूरी जानकारी, जनगणना के लिए उनके आश्रितों की जानकारी, पत्रिका के लिए विवाह योग्य युवक-युवतियों की पूरी जानकारी तथा विधुर, विधवा, परित्यक्ता की जानकारी उपलब्ध करवाया। बैठक के दौरान सामाजिक न्याय प्रकरणों का निपटारा व अन्य सामाजिक विषयों पर भी चर्चा-परिचर्चा किया गया। बैठक के दौरान एक भावुक क्षण भी आया जिसमें पाल समाज के वरिष्ठ नागरिक सांकरा निवासी चंडीराम पाल को उनके सामाजिक योगदान के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान उन्होंने समाज को 25 हजार रुपए देने की घोषणा की। वहीं दसवीं और बारहवीं में पहला स्थान आने वाले समाज के छात्र-छात्राओं को एक हजार व दूसरे स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को पांच सौ रुपए देने की घोषणा भी की। बैठक में युवा प्रकोष्ठ का चुनाव मनोनयन प्रक्रिया से सम्पन्न हुआ। जिसमें कुथरेल निवासी रेमन पाल अध्यक्ष, धनसुली से अनिल पाल उपाध्यक्ष, सीतापार से सोहन पाल सचिव, नारी से डेमन पाल कोषाध्यक्ष, शंकरनगर से निखिल पाल सहसचिव, खपरी से छगेन्द्र पाल उपकोषाध्यक्ष व नारधी से अरविंद पाल को संरक्षक नियुक्त किया गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष रेमन पाल ने अपने संदेश में कहा कि, समाज द्वारा जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उनका भलीभांति निर्वहन किया जाएगा। समाज के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़कर सामजिक कार्यों के लिए प्रेरित किया जाएगा। युवाओं के सहयोग से सामाजिक विकास में नवाचार पर फोकस किया जाएगा।

बैठक के दौरान उपस्थित समाज के लोगों ने अन्य सामाजिक विषयों पर भी अपना विचार प्रस्तुत किए। बैठक का संचालन कर रहे सचिव राजू पाल ने सामाजिक भवन पर हुए कार्यों की जानकारी दी। वहीं भविष्य में नवीन सामाजिक भवन बनाने की आवश्यकता पर समाज के समक्ष अपनी मंशा जाहिर की। साथ ही समाज के लोगों से इच्छानुसार दान की अपील की। इस दौरान समाज के नये कार्यालय का उद्घाटन भी हुआ। समाज के अध्यक्ष यशवंत राव पाल ने फीता काटकर अपनी कुर्सी पर बैठकर अध्यक्षीय पद की औपचारिकता अदा की। इस दौरान वर्तमान समय में लड़का-लड़कियों द्वारा भागकर दूसरे जाति में विवाह करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, हर आदमी को अपने जाति से प्रेम होना चाहिए। अपने जाति में ही विवाह करना चाहिए। अपने जाति को छोड़कर दूसरे जाति में जाने पर सम्मान घट जाता है और उन्हें बाद में काफी तकलीफ भी होती है। शुरू में तो अच्छा लगता है लेकिन वही आदमी बाद में पछतातें हैं और फिर समाज में मिलने के लिए समाज के पास आते हैं। समाज के मीडिया प्रभारी केशव पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि, बैठक के दौरान समाज के लोगों ने गोधूलि बेला में ही बारात का स्वागत।

विवाह में साड़ी देने की रिवाज पर प्रतिबंध व सामाजिक कार्यक्रमों में पूर्णरूपेण शराबबंदी जैसे मुद्दों पर भी अपना पक्ष रखे।

हालांकि इन सभी पर अभी स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई है। वहीं पाल समाज भविष्य में आदर्श विवाह को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रहा है।

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