Chhattisgarh | Silk Samagra Yojana is being run to increase the income of farmers in Chhattisgarh
रायपुर। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए रेशम पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, छत्तीसगढ़ में इसके लिए सिल्क समग्र योजना-2 शुरू की गई है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य के 14 जिलों के रेशम अधिकारियों के तकनीकी उन्नयन के लिए केन्द्रीय रेशम बोर्ड बेंगलूरू और ग्रामोद्योग विभाग के रेशम प्रभाग के संयुक्त तत्वाधान में 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
एक मई से शुरू हुए प्रशिक्षण में अधिकारियों को किसानों को सहायता, कृषकों को प्रशिक्षण, विस्तार प्रबंधन, रेशम उत्पादन एवं व्यावसायिक उद्देश्य, क्लस्टर एप्रोच, शहतूती पौधों का विकास एवं प्रबंधन, रेशम विस्तार कृषकों के यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास, अधोसंरचनाओं का निर्माण, शहतूत पौधों के रोग एवं कीट प्रबंधन, रेशम कीट पालन प्रबंधन एवं सावधानियां की जानकारी दी जा रही है। इस प्रशिक्षण में जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, रायपुर, मुंगेली, बिलासपुर, कांकेर, बस्तर, नारायणपुर, कोण्डागांव जिलों से जिला अधिकारी एवं प्रक्षेत्र अधिकारी शामिल हैं।
प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ अवसर पर संचालक ग्रामोद्योग अरूण प्रसाद पी० और अपर संचालक डॉ० राजेश बघेल, ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों के आमदनी को बढ़ाने के लिए रेशम विकास एवं विस्तार को प्रथम प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशिक्षण में कृषकों को दी जाने वाली वित्तीय एवं तकनीकी सुविधायें तथा राज्य सरकार के द्वारा कृषकों के हित में दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं की जानकारी दी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ० सिद्धिकी अली अहमद, प्रोग्राम को-आर्डिनेटर, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूरू के द्वारा किया जा रहा है। प्रशिक्षण में डॉ० सुरेश के०, डॉ०शशिन्द्रन नायर, आर0के0 सिन्हा, सव्यसाची खान रेशम वैज्ञानिकों के द्वारा महत्वपूर्ण तकनीकी विषयों पर दी जा रही है। इसके अलावा अतुल शाह और किरण चारी अंर्तराष्ट्रीय प्रशिक्षणविदों के द्वारा रेशम विकास की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सिल्क समग्र योजना-2 के तहत निजी क्षेत्र में किसानों की निजी भूमि पर रेशम विस्तार कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में सिल्क समग्र योजना के क्रियान्वयन के लिए कृषकों का चयन किया जा रहा है। लगभग 975 एकड क्षेत्र पर शहतूत पौधरोपण किये जाने की प्रारंभिक तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। योजना में 53 लाख 62 हजार उन्नत प्रजाति के शहतूत पौधे तैयार किये जा रहे हैं, जिनका रोपण जुलाई-अगस्त में किया जायेगा।